भावनात्मक वाक्य

अधिक दूर देखने
की चाहत में...
बहुत कुछ पास से
गुज़र जाता है....✍🏻
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कण कण में विष्णु बसें,
           जन जन में श्री राम!
प्राणों में माँ जानकी,
            मन में बसे हनुमान!!
✌ दो चीजों को कभी व्यर्थ
नहीं जाने देना चाहिए.....
          अन्न के कण को
                "और"
           आनंद के क्षण को
हमेशा मुस्कुराते रहिए....😊
कभी अपने लिये कभी अपनों के लिये
💫✍🏻,,
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